थोर्प की मृत्यु के बाद उथप्पा ने बताई संघर्ष की कहानी, कहा- मैं अवसाद से जूझ रहा था और आत्महत्या के बारे में सोच रहा था..

इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ग्राहम थोर्प की अकास्मिक मृत्यु के बाद भारत के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने डिप्रेशन (Depression) को लेकर बात की. उन्होंने इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए बताया कि कैसे वह एक वक़्त डिप्रेशन में चले गए थे. पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर कई लड़ाइयों का सामना किया, लेकिन डिप्रेशन जैसी कोई भी मुश्किल नहीं थी.

वीडियो को कैप्शन देते हुए पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ ने लिखा, “मैंने क्रिकेट फील्ड पर कई लड़ाइयों को सामना किया, लेकिन उनमें से कोई भी डिप्रेशन जितनी मुश्किल नहीं थी. मैं मानसिक स्वास्थ को लेकर चुप्पी तोड़ रहा हूं, क्योंकि मुझे पता कि मैं अकेला नहीं हूं. अपनी भलाई को प्राथमिकता दें, मदद लें और अंधेरे में उम्मीद तलाश करें.”

उथप्पा ने वीडियो में कहा, “हम सुसाइड और डिप्रेशन के बारे में बात करने जा रहे हैं. हमने हाल ही में ग्राहम थोर्प और भारत के डेविड जॉनसन के बारे में सुना. वीबी चंद्रशेखर, जो चेन्नई सुपर किंग्स की नींव थे. मैं भी वहां रहा हूं. यह अच्छा सफर नहीं है. यह कमजोर कर देने वाला है. आपको लगता है कि आप उन लोगों पर बोझ हैं जिन्हें आप प्यार करते हैं. यह चुनौतीपूर्ण है. आपको लगता कि आप बेकार हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “2011 में, मैं इस बात पर बहुत शर्मिंदा था जो मैं बन गया था. आपको नहीं पता कि आगे क्या करना है इसमें कोई दिक्कत नहीं है. कभी-कभी एक दिन के लिए जीना ही अपका अगला कदम उठाना होता है. अक्सर आपको सुरंग के आखिर में रोशनी की ज़रूरत नहीं होती है. आपको सिर्फ अगले चरण तक रोशनी की ज़रूरत होती है. ”

उथप्पा ने आगे कहा, “हमने कई लोगों के बारे में सुना है कि जिन्होंने डिप्रेशन के कारण अपनी जान ले ली. उस ख्याल से मैं भी गुज़र चुका हूं. ऐसा महसूस होता है कि यह भारी है. जब मैं क्लिनिकल डिप्रेशन से जूझ रहा था तो मुझे अक्सर ऐसा लगता था कि मैं बोझ हूं.”