Pitru Paksh 2023: पितृ पक्ष में इन फूलों से करें पितरों का तर्पण

श्राद्ध पूजन में केवड़ा, कदंब, बेलपत्र, काले और लाल लंग के फूल और अधिक सुगंधित फूलों को अर्पित करना वर्जित होता है. शास्त्रों के अनुसार इसे चढ़ाने से पितृ नाराज हो सकते हैं. इसलिए इस फूलों को अर्पित करने से बचें. कहा जाता है की श्राद्ध के दौरान गुलाब का फूल चढ़ाना शुभ माना गया है.

Pitru Paksh में पूर्वजों का सपने में आने के पीछे का राज कर देगा भावुक

अगर श्राद्धपक्ष (Pitru Paksh )  में आपको आपके पूर्वज सपने में ऐसी अवस्था में नज़र आते हैं जिसमें वे हमें बिना कपड़ों के दिखाई दे रहे हैं या फिर उनके पैरों में जूते-चप्‍पल नहीं हैं या फिर वह भूखे हैं तो य‍ह इस बात का संकेत होता है कि वे हमसे कुछ मांग रहे हैं।

Ganesh Chaturthi: गणपति के हर अंग हैं खास, जो जीवन में लाते हैं सुख-समृद्धि

भगवान गणेश के शरीर का हर अंग बहुत ही खास है. उनके विशाल सिर, बड़े-बड़े कान, बड़ी और तेज आंखे, हाथी के समान मुंह. ये सब अपने आप में निवेश (इन्वेस्टमेंट) को लेकर कुछ न कुछ बताते हैं जो हमारे जीवन में सुख- समृद्धि लाते हैं, सभी कष्‍टों को दूर करके सुख प्रदान करते हैं. इनको अपनाकर आप भी अपने और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि ला सकते हैं.

Hartalika Teej पर महिलाएं नाक से मांग तक क्यों लगाती हैं पीला सिंदूर?

ऐसी मान्यता है कि सिंदूर कुछ इस तरह से लगाना चाहिए कि नाक से लेकर सिर तक जाए ताकि सबको दिखे। ऐसी मान्यता है कि अगर सिंदूर नाक से लेकर सिर तक जाएगा तो सिंदूर की लंबी लाइन की तरह ही पति की उम्र भी लंबी होगी।

Navratri 2023: इस साल किस पर बैठकर आएँगी माँ दुर्गा, जानें क्या होगा शुभ-अशुभ प्रभाव

पंचांग के अनुसार इस वर्ष देवी का आना  हाथी पर है. हांथी पर सवार हो माँ दुर्गा का आगमन होगा. जब मातारानी हाथी पर सवार होकर आती हैं तो इससे लोगों को शुभ फल मिलता है.

Vishwakarma Puja: इन मंत्रों के साथ करें विश्वकर्मा पूजा और जरूर पढ़ें आरती

 मान्यता है कि पूजन करने के लिए साथ ही इस दिन कुछ मंत्रों का भी जाप करना चाहिए. साथ ही भगवान विश्वकर्मा की आरती करना भी अनिवार्य होता है. इससे बिजनेस में बढ़ोत्तरी होती है और तरक्की के नए रास्ते खुलती है.

Raksha Bandhan: 30 अगस्त या 31 अगस्त को? भद्रा और पंचक दोनों

भद्रा सावन पूर्णिमा तिथि में ही 30 अगस्त को प्रारंभ हो रही है और उस दिन रात 9 बजे तक है, वहीं पंचक पूर्णिमा तिथि से पूर्व लग रहा है और अगले दिन प्रात:काल तक रहेगा.

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया, भूलकर भी इस काल में भाइयों को ना बांधे राखी

कहा जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी। जिसके कारण उसके पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था।