Hardik Pandya: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या वनडे और टी 20 खेलते हैं लेकिन लंबे फॉर्मेट से उन्होंने दूरी बनाई हुई है. भारत के लिए 11 टेस्ट खेल चुके हार्दिक के बारे में रिपोर्ट्स आती है कि उनकी बॉडी टेस्ट क्रिकेट के लिए अनुकूल नहीं रह गई है. इसलिए वे इस फॉर्मेट से दूर हैं.
ऐसे में भारत को लंबे समय से खासकर विदेशी दौरों पर एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की टेस्ट फॉर्मेट के लिए तलाश रही है. शार्दुल ठाकुर को कुछ समय के लिए जरुर मौका दिया गया था लेकिन वे कहीं न कहीं खुद को साबित नहीं कर पाए. लेकिन एक 21 साल का खिलाड़ी इस प्लेइंग XI में अपनी जगह बनाने के करीब है. अगर उसके प्रदर्शन में निरंतरता रही तो वो हार्दिक के टेस्ट में वापसी की किसी भी संभावना को खत्म कर देगा.
ये खिलाड़ी बनेगा खतरा
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के लिए जब भारतीय टीम की घोषणा हुई तो 21 साल के ऑलराउंडर नीतिश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) को जगह दी गई थी. नीतिश के चयन पर सवाल उठे थे. उनके पास सिर्फ बांग्लादेश टी 20 सीरीज का अनुभव था. अभ्यास मैचों में उनकी असफलता ने भी उनके आलचकों को टिप्पणी का मौका दिया लेकिन टीम इंडिया मैनेजमेंट को उनपर भरोसा था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती 3 पारियों में उन्होंने अपने प्रदर्शन से ये साबित किया है कि वे टेस्ट में लंबे समय के लिए रहने वाले हैं और हार्दिक की राह मुश्किल करने वाले हैं.
3 पारियों में ऐसा रहा है प्रदर्शन
नीतिश को पर्थ टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला था. रेड्डी ने पहली पारी में 59 गेंद में 41 और दूसरी पारी में 27 बॉल में नाबाद 38 रन बनाए थे. इसके अलावा 1 विकेट भी उन्हें मिला था. वहीं एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में नीतिश 42 रन बनाकर भारत के टॉप स्कोरर रहे. विकेट पर टिकने का उनका जुनून ये बताता है कि वे लंबी रेस का घोड़ा हैं और बतौर ऑलराउंडर टीम इंडिया में उनका भविष्य उज्जवल है.
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