साढ़े तीन साल से ज्यादा समय के बाद वेस्टइंडीज पहली बार भारत को एकदिवसीय मैच में हारने में कामयाब हुआ जब उसने शुक्रवार (जुलाई 29) को ब्रिजटाउन (बारबाडोस) में दूसरा एकदिवसीय मैच छह विकेटों से जीता। तीन मैचों वनडे श्रृंखला में से दूसरे में वेस्टइंडीज की जीत लगातार नौ हार और दिसंबर 2019 के बाद आयी है । इस जीत से वेस्टइंडीज को गुरुवार (जुलाई 27) को भारत के खिलाफ पहला वनडे हारने के बाद श्रृंखला 1-1 से बराबर करने में मदद मिली।
भारत ने टॉस हरने के बाद पहले बल्लेबाज़ी की और रोहित शर्मा और विराट कोहली को आराम दिया। वेस्टइंडीज के स्पिन गेंदबाज़ गुडाकेश मोती और पेसर रोमारियो शेफर्ड ने तीन-तीन विकेट लिए और अल्जारी जोसेफ ने दो विकेट लेकर भारत को 40.5 ओवरों में 181 रन पर आउट कर दिया।
कप्तान शाई होप और अनुभवहीन कीसी कार्टी ने लक्ष्य का पीछा किया और 13 से अधिक ओवर शेष रहते हुए वेस्टइंडीज को एक शानदार जीत दिलाई। वेस्टइंडीज के लिए अंत में यह आरामदायक था, लेकिन मेज़बान टीम को थोड़ी परेशानी भी आयी। वे नौवें ओवर में बिना किसी नुकसान पर 53 रन से फिसलकर 17 के बाद 4 विकेट पर 91 रन पर पहुंच गए और इसका मुख्य कारण शार्दुल ठाकुर थे।
इससे भारत की उम्मीदें बढ़ी, लेकिन होप और कार्टी ने उसके बाद सावधानी से खेल कर वेस्टइंडीज की जीत सुनिश्चित की। होप ने नाबाद 63 रन बनाये और पांचवें विकेट के लिए कार्टी (नाबाद 48) के साथ 91 रन की अटूट साझेदारी की।
ब्रिजटाउन की पिच ने पूरे खेल के दौरान पकड़ और टर्न प्रदान की, जिसमें दो पारियों में स्पिनरों की इकॉनमी दर 3.89 रही, जबकि तेज गेंदबाजों की 5.20। हालाँकि, इससे पहले कि कुलदीप यादव और रवींद्र जड़ेजा ने वेस्टइंडीज के मध्य क्रम को परेशान किया, ठाकुर ने 25 गेंदों में वेस्टइंडीज के शीर्ष तीन बल्लेबाजों को आउट कर दिया।
जब कुलदीप ने शिम्रोन हेटमायर को क्लीन बोल्ड कर दिया तब होप और कार्टी साथ आये और सिंगल्स से ही संतुष्ट थे। कार्टी ने 65 गेंदों में 48 रनों की धैर्यपूर्ण पारी खेली, हार्दिक पंड्या को लगातार चौके लगाकर खेल खत्म किया।
वेस्टइंडीज को केवल 182 रनों का पीछा करना था, जो सामूहिक गेंदबाजी प्रयास, सहायक पिच और क्षेत्ररक्षकों की चपलता के कारण हुआ था।
भारत को टॉस हारने पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया, और दो बार बल्लेबाज़ी लड़खड़ाई। पहले, 90 रन के शानदार शुरुवात से 113 पर 5, और फिर, 146/5 से 181 ऑल आउट। ये झटके बारिश के लंबे अंतराल के दोनों ओर आए।
वेस्टइंडीज को रोहित और कोहली की अनुपस्थिति में एक अवसर का एहसास हुआ और उन्होंने आक्रमण कर दिया। यह सब भारत की पारी के 17वें ओवर में शुरू हुआ, जब मोती की एक पूरी, उछाली हुई गेंद पर शुभमन गिल 34 रन बनाकर लॉन्ग-ऑफ पर आउट हो गए, जो जून के बाद से सभी प्रारूपों में सात अंतरराष्ट्रीय पारियों में उनका सर्वोच्च स्कोर था।
वेस्टइंडीज की शानदार फील्डिंग और कैचिंग
एलिक अथानाजे ने 18वें ओवर में पॉइंट पर अपनी दाहिनी ओर गोता लगाकर इशान किशन को 55 रन पर वापस भेज दिया। यह सीरीज में किशन का लगातार दूसरा अर्धशतक था। दो ओवर बाद, शेफर्ड ने अक्षर पटेल को एक तेज़ उछाल वाली गेंद डाली और वो विकेटकीपर को आसान का कैच दे बैठे।
जेडन सील्स को दिन का एकमात्र विकेट तब मिला जब हार्दिक ने कंधे की ऊंचाई वाले बाउंसर के सीधे मिडविकेट पर मार लिया, फिर यानिक कारिया ने वापसी करने वाले संजू सैमसन को टर्न और बाउंस से चकमा दे दिया।
भारत विकेट खो रहा था, और तभी भारी बारिश हुई। जब सूर्यकुमार यादव और जड़ेजा ने 33 रन जोड़कर खेल रुकने के बाद थोड़े समय के लिए रिकवरी का संकेत दिया, तो ऐसा लगा जैसे ब्रेक उनके लिए वरदान बनकर आया है।लेकिन वेस्टइंडीज ने फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया और आखिरी पांच विकेट सिर्फ 35 रन पर ले लिए।
शेफर्ड ने 32वें ओवर में जडेजा को शॉर्ट पिच बॉल डाली, जिसे उन्होंने फाइन लेग पर टॉप एज पुल किया। मोती को टर्न और बाउंस मिल रहे थे और सूर्यकुमार को मनोरंजक 24 रन की पारी को उन्होंने पॉइंट पर स्लैश करा कर समाप्त दिया। इसके तुरंत बाद वेस्टइंडीज की ओर से शानदार क्षेत्ररक्षण का एक और क्षण आया, जब कार्टी ने दौड़ लगाई और 38 वें ओवर में उमरान मलिक को वापस भेजने के लिए डीप स्क्वायर-लेग से आगे छलांग लगाया।
मोती ने 41वें ओवर में आखिरी खिलाड़ी मुकेश कुमार को आउट कर 36 रन देकर 3 विकेट लेकर पारी को समेटा। नतीजतन, भारत 9.1 ओवर शेष रहते आउट हो गया और वेस्टइंडीज के पास मई 2006 के बाद पहली बार उसके खिलाफ वनडे सीरीज जीतने का मौका है।