Punjab Kings: आईपीएल 2024 (IPL 2024) में 18 अप्रैल को पंजाब किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच एक बेहद रोमांचक मैच खेला गया. मुंबई इंडियंस ने आखिरी ओवर में ये मैच 9 रन से अपने नाम किया. पहले बैटिंग करते हुए मुंबई ने 192 रन बनाए थे. जवाब में पंजाब की टीम आखिरी ओवर में 183 पर सिमट गई. ये पहला मौका नहीं है जब पंजाब किंग्स ने जीता हुआ मैच आखिरी ओवर में गंवा दिया है. सीजन में ऐसे 3 से 4 मैच रहे हैं जिसमें पंजाब जितती हुई लगी लेकिन आखिरी ओवर में उसे हार का सामना करना पड़ा. पंजाब 7 में से 5 मैच हारकर 9 वें स्थान पर है. आईए उन 3 कारणों को जानते हैं जो पंजाब की लगातार असफलता का कारण बन रहे हैं .
Punjab Kings: इन-फॉर्म खिलाड़ियों का सही उपयोग नहीं
पंजाब किंग्स के लिए सिर्फ IPL 2024 नहीं बल्कि ये पुरानी समस्या रही है कि वे योग्य और इन फॉर्म खिलाड़यों के पूरा मौका नहीं देते हैं. बात अगर इस सीजन की करें तो टीम के सिर्फ 3 बल्लेबाज शशांक सिंह और आशुतोष शर्मा ही फॉर्म में दिखे हैं. लेकिन मैनेजमेंट इन्हें निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजता है. इस वजह से अच्छी बल्लेबाजी के बावजूद ये टीम को जीत नहीं दिला पाते. मुंबई इंडियंस और एसआरएच के खिलाफ अगर इन्हें बैटिंग क्रम में उपर भेजा गया होता तो शायद पंजाब इस मैच में विजयी रही होती है.
Punjab Kings: बेस्ट प्लेइंग XI नहीं ढूंढ पाए
पंजाब किंग्स सीजन में 7 मैच खेल चुकी है लेकिन वो अभी चक अपना बेस्ट प्लेइंग XI नहीं ढूंढ पाई है. यहां तक की कप्तानी में भी बदलाव किया गया है. जिस टीम में सिकंदर रजा, लियाम लिविंग्सटन, सैम करन जैसे ऑलराउंडर हों, शशांक सिंह और आशुतोष शर्मा जैसे होनहार बल्लेबाज हों, अर्शदीप, रबाडा, हरप्रीत जैसे गेंदबाज हो वो अगर प्लेइंग XI के जूझे तो कहीं न कहीं मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार है.
Punjab Kings: फ्लॉप खिलाड़ियों को लगातार मौका
पंजाब किंग्स मैनेजमेंट को देख कर लगता है कि वे बड़े नाम के प्रभाव में रहते हैं. यही वजह है कि कई खिलाड़ी फ्लॉप होने के बावजूद टीम में बने रहते हैं. उदाहरण के लिए हम जॉनी बेयरेस्टो और प्रभसिमरन सिंह का नाम ले सकते हैं. ये दोनों खिलाड़ी फ्लॉप रहे हैं. इसके बावजूद इन्हें लगातार मौके दिए गए हैं. बेयरेस्टो 6 मैच बतौर ओपनर खेले और सिर्फ 96 रन बना सके. 7 वें मैच में उन्हें ड्रॉप किया गया. वहीं प्रभसिमरन सिंह 7 मैचों में सिर्फ 119 रन बना सके हैं. अगर इन दोनों खिलाड़ियों की जगह किसी और को मौका दिया गया होता तो शायद पंजाब का परिणाम दूसरा होता.
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