बॉलीवुड एक्ट्रेस व बीजेपी सांसद कंगना रनौत इन दिनों अपनी फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. कंगना की ये फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इस मूवी को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिली. फिल्म के रिलीज को लेकर कई सिख संगठनों ने का विरोध किया था और दावा किया कि ये फिल्म उनके समुदाय को नकारात्मक रूप में पेश करती है.
कंगना रनौत ने ‘न्यूज18 इंडिया चौपाल कार्यक्रम’ में कहा, ‘यह हमारा इतिहास है जिसे जानबूझकर छिपाया गया है. हमें इसके बारे में नहीं बताया गया. अच्छे-भले लोगों का तो जमाना ही नहीं है. मेरी फिल्म रिलीज होने के लिए तैयार है. इसे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है. 4 इतिहासकारों ने हमारी फिल्म देखी है.’
वह कोई संत नहीं था
कंगना रनौत ने आगे कहा, ‘हमारे पास वैलिड डॉक्यूमेंट्स भी हैं. मेरी फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन कुछ लोग भिंडरावाले को संत, क्रांतिकारी या नेता कहते हैं. उन्होंने दलीलों के जरिए धमकी दी. मुझे भी धमकियां मिली हैं. पिछली सरकारों ने खालिस्तानियों को आतंकवादी घोषित किया है. वह कोई संत नहीं था जो एके47 लेकर मंदिर में बैठा था.’
कंगना ने भिंडरावाले को कहा आतंकवादी
कंगना रनौत ने आगे कहा, ‘मेरी फिल्म पर सिर्फ कुछ लोगों को आपत्ति है, वो दूसरों को भी भड़का रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि पंजाब के 99 प्रतिशत लोग भिंडरावाले को संत मानते हैं. वह आतंकवादी है और अगर वह आतंकवादी है, तो मेरी फिल्म रिलीज होनी चाहिए.’ कंगना ने आगे बताया कि उनकी फिल्म के पोस्टपोन होने से उन्हें आर्थिक नुकसान भी हुआ है.
कंगना को हुआ आर्थिक नुकसान
अपनी बातचीत में कंगना ने आगे कहा- मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि लोगों को भिंडरावाले को आतंकवादी के रूप में दिखाए जाने पर आपत्ति होगी. मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. यह मेरे लिए बहुत शर्मनाक है. हमें भी नुकसान उठाना पड़ा है. मेरी फिल्म को सिर्फ 4 दिन पहले ही कैंसिल कर दिया गया था.’