लॉरेंस बिश्नोई पर भड़के सलीम खान, कहा- ‘सलमान खान ने कोई जानवर नहीं मारा, बिश्नोई समाज से क्यों माफी मांगे’

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सलमान खान को भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने जान से मारने की धमकी दी है. भाईजान को मिली इस धमकी के बाद उनका परिवार और फैंस परेशान है. अब सलमान के पिता सलीम खान ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकियों, बाबा सिद्दीकी की हत्या और सलमान खान के माफी मांगने को लेकर बात की. उन्होंने इन धमकियों को सिर्फ जबरन वसूली बताते हुए कहा कि जब सलमान ने कुछ गलत नहीं किया, तो वो माफी क्यों मांगे.

ये एक्सटॉर्शन का केस है

सलीम खान ने एबीपी लाइव में दिए इंटरव्यू में इन मुद्दों पर बात की. सलीम खान ने बताया कि इन घटनाओं की वजह से उनकी आजादी छिन गई है. उन्होंने इसे जबरन वसूली का केस बताया और कहा, ‘पुलिस ने हमें घर के ही कुछ हिस्सों में बैठने के लिए मना किया है. जहां वह पहले बैठते थे, वहां से उन्हें पुलिस ने साफ मना किया है क्योंकि एक हिस्से में तो गोली भी चली थी. वहीं, 5 करोड़ मांगने वाले पर वह बोले, ‘अभी फलां की डिमांड आई है कि 5 करोड़ दे दो, हम माफ कर देंगे तो हमने तो शुरू से ही कहा है कि ये एक्सटॉर्शन का केस है.’

सलमान ने कोई अपराध नहीं किया

सलीम खान ने आगे कहा, ‘माफी मांगना, ये स्वीकार करना है कि मैंने मारा है. सलमान ने कभी किसी जानवर को नहीं मारा. हमने कभी किसी कॉकरोच को भी नहीं मारा. हम इन चीजों पर विश्वास ही नहीं करते.’ उन्होंने आगे सवाल किया, ‘सलमान किससे माफी मांगेंगे? आपने कितने लोगों से माफी मांगी है, कितने जानवरों की आपने जान बचाई है?

बातचीत के दौरान सलीम खान अपने बेटे को बेगुनाह बताया और बोले- ‘कोई गुनाह किया है? आपने देखा है? आपको मालूम है, पता चलता है? हमने तो कभी बंदूक भी इस्तेमाल नहीं की. सलमान ने कोई अपराध नहीं किया है.

‘जिंदगी और मौत, ये खुदा के हाथ में है’

सलमान को मिल रही लगातार जान से मारने की धमकी पर सलीम खान ने कहा, ‘जिंदगी और मौत, ये खुदा के हाथ में है. ये कुरान शरीफ में था- इज्जत, जिल्लत, जिंदगी और मौत ये मेरे हाथ में है.’ उन्होंने लॉरेंस बिश्नोई के लिए कहा, ‘अगर जिंदगी और मौत इनके हाथ में है तो देखेंगे.

लोगों की खूब मदद करता है सलमान खान

सलीम खान ने कहा की बीइंग ह्यूमन से कितने लोगों की मदद की गई है. कोविड के बाद ये मना कर दिया गया, उससे पहले हर दिन लंबी-लंबी लाइन लगती थी. किसी को ऑपरेशन कराना होता था, किसी को कोई और मदद चाहिए होती थी. हर रोज चार सौ से ज्यादा लोग मदद की आस लेकर आते थे.