Nana Patekar, झेल नहीं पाए ‘जवान’, बिना नाम लिए साधा निशाना! बोले- कुछ ऐसी घिनौनी फिल्में….

Nana Patekar

Nana Patekar ने बिना नाम लिए शाहरुख खान की फिल्‍म ‘जवान’ पर निशाना साधा है. Vivek Agnihotri के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ का ट्रेलर 12 सितंबर को रिलीज कर दिया गया जिसके ग्रैंड इवेंट में नाना पाटेकर, पल्लवी जोशी समेत कई सितारे शामिल हुए.l

इस ट्रेलर लांच इवेंट पर Nana Patekar ने बिना नाम लिए ग़दर २ या जवान पर निशाना साधा है, ऐसा कयास लगा जा रहा है. यहां उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नाम लिए बिना ही शाहरुख खान कि फिल्म ‘जवान’ या सनी देओल की फिल्म ‘गदर 2’ और नेपोटिज्म पर काफी कुछ कह दिया। नाना पाटेकर ने कहा कि वह फिल्म ‘जवान’ को झेल नहीं पाए। नाना पाटेकर की ये बात शाहरुख खान और उनके फैंस को खराब लग सकती हैं, क्योंकि उन्होंने बेधड़क काफी इसके लेकर काफी कुछ कह दिया है।

वहां Nana patekar ने मीडिया से बातचीत में कहा की नाना ने कहा, “आजकल कोई भी फिल्म हिट हो रही है. हाल ही में एक फिल्म जबरदस्त चली. मैं इसे देखने गया था, मुझसे वो नहीं झेली गयी. लेकिन वो फिल्म बहुत चल रही है. चूँकि वो फिल्म अब चल गयी, तो हम बार बार उसी तरह की फिल्म बनाएंगे और दर्शकों को देखने के लिए मज़बूर करेंगे.”

Vivek Agnihotri की ‘द वैक्सीन वॉर’ ट्रेलर का ग्रैंड ट्रेलर लॉन्च इवेंट मुंबई में आयोजित किया गया है. जिसमें फिल्म की पूरी कास्ट ने शिरकत की. इस इवेंट में नाना पाटेकर बहुत ही सिंपल लुक में पहुंचे. उन्होंने ग्रे कलर के कुर्ते के साथ व्हाइट पायजामा और एक व्हाइट गमछा भी कैरी किया था. बता दें कि Nana Patekar की ये फिल्म 28 सितंबर को रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

Vivek Agnihotri की ट्रेलर लॉन्च इवेंट में नाना पाटेकर से एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि पैरलल और कमर्शियल सिनेमा के बीच वह क्या अंतर देखते हैं, क्या अभी-भी वह मौजूद है? इस पर एक्टर खुलकर बोलने लगे। उन्होंने कहा, ‘पहली बात जो वो अंतर था, इन दोनों के बीच, वो रहा नहीं अब। उस जमाने में था, वो अब रहा नहीं। ओटीटी आने के बाद हमारी हर किसी की फिल्म को एक प्लेटफॉर्म मिल गया। जितने दर्शक थे, उतने पैसे हमारे आ जाते थे। तो समांतर फिल्म का बुरा हाल है। रहा अब थॉट अब कौन सा रखते हैं… तो जिस तरह की फिल्में अब हिट हो रही हैं।’

 

Nana Patekar ने नेपोटिज्म पर भी अपनी राय रखी। कहा, ‘अब मैं एक्टर हूं। कल को मैं अपने बेटे को एक्टर बनाना चाहता हूं। उसकी औकात हो न हो। लेकिन मैं थोपना चाहता हूं आपके ऊपर। एक फिल्म गिर जाएगी, फिर दो और ऐसे करके 10 फिल्में होंगी, जिसके बाद उसकी बुराइयां आपको कम आने लगती हैं। और आहिस्ता-आहिस्ता आप उसे अपनाने लगते हो। और एक दिन वो हमारे सिर पर बैठता है। ऐसा आज का चित्र है हमारे यहां। तो कुछ ऐसी घिनौनी फिल्म है हमारे यहां, जो हमें देखने पर मजबूर करते हैं। लेकिन हमें लगता है कि नहीं यही अच्छी फिल्म है। उसमें अगर द वैक्सीन वॉर जैसी फिल्म आती है तो पता चलता है कि नहीं यार। दो फिल्मों में फर्क है।’