शाहरुख खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म बाजीगर किसे याद नहीं है. आज भी फैंस इसके गाने और डायलॉग्स के दीवाने हैं. लेकिन क्या होता अगर इस फिल्म शाहरुख के साथ काजोल न होतीं. जी हां, म्यूजिक कंपोजर नदीम-श्रवण चाहते थे कि इस फिल्म से काजोल को बाहर कर दिया जाए. साल 1993 में रिलीज हुई रोमांटिक-थ्रिलर फिल्म बाजीगर को अब्बास-मस्तान की जोड़ी ने डायरेक्ट किया था. अपने एक इंटरव्यू में फिल्म के डायरेक्टर ने इस किस्से को शेयर किया. डायरेक्टर ने बताया कि काजोल की वजह से नदीम-श्रवण ने इस फिल्म में संगीत देने से मना कर दिया.
फिल्म बाजीगर के म्यूजिक को कंपोज करने के लिए अब्बास-मस्तान ने पहले नदीम-श्रवण को ऑफर किया था, क्योंकि उस दौर की हिट जोड़ी थी जिन्होंने आशिकी में अपना म्यूजिक दिया था. लेकिन दोनों चाहते थे कि फिल्म से काजोल को हटा दिया जाए. मस्तान ने कहा, नदीम-श्रवण का काजोल और उनकी मां तुनजा जी के साथ कुछ पर्सनल इश्यु था. उन्होंने हमसे कहा कि हम फिल्म की हीरोइन बदल दें. हमने ऐसा करने से मना कर दिया, क्योंकि हम पहले ही काजोल को साइन कर चुके थे. हमने कास्टिंग में बदलाव करने की बात नहीं मानी. पिक्चर बनेगी तो काजोल तो रहेगी ही. इस पर उन्होंने कहा, तो हम नहीं रहेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1992 में काजोल की डेब्यू फिल्म ‘बेखुदी’ की सक्सेस के बाद नदीम-श्रवण चाहते थे कि काजोल उनकी टीम में काम करें. हालांकि, जब वे काजोल के घर गए तो उनकी मां तनुजा जी के बर्ताव से बहुत आहत हुए. इसके बाद, दोनों ने ये फैसला ले लिया कि कभी काजोल के साथ काम नहीं करेंगे.
इसके बाद जब नदीम-श्रवण ने बाजीगर से हाथ खींच लिए तो इस फिल्म के लिए अनु मलिक को साइन किया गया, जिन्होंने बाजीगर में यादगार गाने दिए. इनमें ये काली काली आंखें, ऐ मेरे हमसफर और टाइटल ट्रेक बाजीगर ओ बाजीगर भी शामिल है. फिल्म में काजोल- शाहरुख के अलावा, शिल्पा शेट्टी, दिलीप ताहिल और जॉनी लिवर भी थे.