आई फ्लू ने कोरोना की तरह कहर बरपा दिया है लेकिन ये उतना खतरनाक नहीं है जितना corona था। हाल ही में खबर आई है कि देशभर के कई राज्यों में कंजक्टिवाइटिस के केस बढ़ रहे हैं और लोग इससे काफी परेशान हैं। बारिश का मौसम शुरू होते ही आँखों से पानी आना, आँखें लाल हो जाना यानी कि कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) होना एक आम समस्या है। आंखों के लालपन के साथ शुरू होने वाली ये तकलीफ खुजली, चुभन और सूजन तक पहुंच जाती है। इसे एक आम मौसमी समस्या (Seasonal disease) मान कर कई लोग खुद ही इलाज शुरू कर लेते हैं, जो कतई सही नहीं है।
देश भर में Eye Flu का कहर
देशभर के कई राज्यों में कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के केस बढ़ रहे हैं और लोग इससे काफी परेशान हैं। दिल्ली एनसीआर की बात करें तो वहां भी कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने लगे हैं आई फ्लू ने कोरोना की तरह कहर बरपा दिया है लेकिन ये उतना खतरनाक नहीं है जितना corona था लेकिन बारिश के मौसम में आंखों की समस्याएं बढ़ जाती हैं और इसका बहुत ख्याल रखना पड़ता है। आंखों में गंदा पानी जाने से अक्सर इंफेक्शन और आंखें लाल होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
कंजंक्टिवाइटिस क्या है?
कंजंक्टिवाइटिस को सामान्य शब्दों में आई फ्लू (Eye Flu) कहा जाता है। ये एक संक्रमण है जो कंजंक्टिवा में सूजन आने के कारण होता है, यह आंखों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है जिसे लेकर सावधानी बरतना काफी जरूरी है।बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) आमतौर पर आँख से मोटा डिस्चार्ज (निर्वहन) होना या मवाद पैदा करता है और एक या दोनों आँखों को भी प्रभावित करता है । बरसात के मौसम में आई फ्लू का रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि मौसम में नमी के कारण वायरस, बैक्टीरिया और एलर्जी बढ़ने लगती है। आई फ्लू को पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। कंजंक्टिवाइटिस अधिकतर वायरल संक्रमण के कारण होता है।
कंजंक्टिवाइटिस के क्या कारण है?
- नवजात शिशुओं में टियर डक का ब्लॉक होना
- एलर्जी
- वायरस
- बैक्टीरिया
- आंख में रसायन का जाना
- आंख में कोई बाहरी वस्तु का जाना
आई फ्लू से कैसे करें बचाव?
अपनी आंखों को हाथों से न छुएं
कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से बचें
रुमाल, तौलिया आदि को शेयर ना करें
कंजंक्टिवाइटिस पीड़ित मरीजों से दूरी बनाकर रखें
अगर आपके घर में कोई कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है, तो उनकी मदद के बाद तुरंत हाथ साफ करें
स्वीमिंग से बचें
धूल, केमिकल और तेज धूप से बचें
अपने हाथों को बार-बार धोएं
रोजाना एक साफ तौलिया और वॉशक्लॉथ का इस्तेमाल करें
तौलिए या वॉशक्लॉथ को शेयर न करें
अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें
मेकअप को दूसरों से शेयर न करें
आई ड्रॉप शेयर न करें
नेत्र विशेषज्ञ से करें परामर्श
सामान्य तौर पर, नेत्र फ्लू चिकित्सीय हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना अपने आप ठीक हो जाता है। आमतौर पर वायरल कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ, Conjunctivitis) के साथ, तीन दिन से पांच दिन तक सबसे खराब होते हैं । उसके बाद, आँखें अपने आप ही सुधारने लग जाती हैं ।आई फ्लू की कुल अवधि आमतौर पर १ से २ सप्ताह के बीच होती है।वैसे तो ये कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाती है पर कई बार कुछ मरीजों में ये लंबा खींचता है ऐसे में किसी नेत्र के doctor से तुरंत मिलना चाहिए। कभी भी खुद से किसी तरह का eye drop इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ऐसा doctors का मानना है।
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। न्यूज़ फर्स्ट इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)