तेजस, भारत का सुपरसोनिक स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान, अन्य देशो की वायुसेना का भी हिस्सा जल्द ही बन सकता है| दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र अर्जेंटीना स्वदेशी तेजस लड़ाकू प्राप्त करने में रुचि दिखा रहा है| भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार (जुलाई 18) को अपने अर्जेंटीना समकक्ष जॉर्ज एनरिक तायाना के साथ नई दिल्ली में बातचीत करेंगे।
तायाना, जो सोमवार (जुलाई 17) को नई दिल्ली पहुंचे और अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु का भी दौरा करने वाले हैं। एक अधिकारी ने कहा, “मंगलवार को दोनों मंत्रियों की सह-अध्यक्षता में होने वाली प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर केंद्रित होगी।” अधिकारियों ने यह भी कहा की अर्जेंटीना अब चाहता है कि भारत 16 तेजस लड़ाकू विमानों के प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करे।
अर्जेंटीना में भारतीय राजदूत दिनेश भाटिया ने जून 2023 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ तायाना और अर्जेंटीनी वायुसेना प्रमुख ब्रिगेडियर ज़ेवियर इसाक से `मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत रक्षा उत्पादन क्षमताओं, विशेष रूप से तेजस और ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के बारे में मुलाकात की थी।
एक इंजन वाले तेजस लड़ाकू विमान, ध्रुव हेलिकॉप्टर, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल प्रणाली उन प्रमुख हथियार प्रणालियों में से हैं जिन्हें भारत मित्र देशों को निर्यात करने की कोशिश कर रहा है।
भारत ने 290 किलोमीटर की दूरी वाली ब्रह्मोस मिसाइलों की तीन एंटी-शिप तटीय बैटरियों के लिए 375 मिलियन डॉलर का अनुबंध जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ किया था| परन्तु मलेशिया ने साल 2023 की शुरुआत में तेजस के स्थान पर 920 मिलियन डॉलर में दक्षिण कोरियाई एफए -50 लड़ाकू विमान का चयन किया था। लंबी प्रक्रिया के बाद 18 हल्के लड़ाकू विमान आयात करने का सौदा हुआ।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत का हथियारों और रक्षा प्रौद्योगिकियों का निर्यात 16,000 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। लेकिन भारत सरकार द्वारा रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2024-25 तक पूरा करना है।