चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के लिए चंद्रमा पर उतरने के आखिरी दांव को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने “आतंक के 20 मिनट” के रूप में वर्णित किया था। चंद्रयान-2 का लैंडर जब 7 सितम्बर 2019 को चंद्रमा पर उतरने की कोशिश कर रहा था तो इन्ही आखिरी लम्हो में मिशन में गड़बड़ी आ गयी और वो क्रैश हो गया। इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के लिए नए सिरे से तैयारी की लेकिन उन्हें फिर भी “आतंक के 20 मिनट” के बारे में थोड़ा संशय था।
लेकिन 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के लिए चन्द्रमा पर उतरना एक सहज मामला साबित हुआ और इसरो ने इतिहास रच कर यह सुनिश्चित किया की भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने करने वाला पहला देश बन गया। इसरो ने अब विक्रम लैंडर द्वारा चन्द्रमा पर उतरते समय का एक वीडियो को ज़ारी किया को यह देखने का मौका दे दिया है कि जब लैंडर अपने कंधों पर अरबों उम्मीदें लेकर चंद्रमा की सतह के करीब पहुंच रहा था तो उसके एक कैमरे ने क्या देखा।
इस ऐतिहासिक क्षणों का एक वीडियो पोस्ट करते हुए, इसरो ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर पोस्ट किया, “यहां देखिये कि लैंडर इमेजर कैमरे ने टचडाउन से ठीक पहले चंद्रमा की छवि कैसे कैप्चर की।”
Here is how the Lander Imager Camera captured the moon’s image just prior to touchdown. pic.twitter.com/PseUAxAB6G
— ISRO (@isro) August 24, 2023
इमेजर कैमरे से 2.17 मिनट वाले इस उच्च-रिज़ॉल्यूशन वीडियो में चंद्रमा की खूबसूरत सतह दिखाई देती है, जो गड्ढों से भरी हुई है। वीडियो क्लिप के आखिरी कुछ सेकंड में विक्रम लैंडर को काफी धीमा होते और फिर चंद्रमा की सतह को छूते हुए दिखाया गया है। लैंडिंग चार चरणों में की गई – रफ ब्रेकिंग, एल्टीट्यूड होल्ड, फाइन ब्रेकिंग और वर्टिकल डिसेंट – जो सभी त्रुटिहीन तरीके से किए गए।
विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के उतरने से चाँद की काफी धूल उड़ी और उसके जमने के लिए कुछ घंटों तक इंतजार करने के बाद, प्रज्ञान रोवर बाहर निकला और चंद्रमा की सतह पर आ गया।