Aditya-L1 ने पृथ्वी और चंद्रमा को एक फ्रेम में कैद किया, सेल्फी भी ली

भारत के अभूतपूर्व सौर्य मिशन, आदित्य-एल1 (Aditya-L1), जो सूर्य-पृथ्वी लग्रांज-1 पॉइंट (एल1 बिंदु) की ओर जा रहा है, ने अंतरिक्ष में अपने मिशन के दौरान एक सेल्फी सहित विस्मयकारी छवियां और वीडियो रिकॉर्ड किया है। सूर्य का अध्ययन करने के लिए समर्पित भारत के पहले अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी का एक वीडियो लिया जिसमें चंद्रमा फ्रेम के दाईं ओर कुछ क्षण के लिए एक बिंदु जैसा दिखता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार (6 सितम्बर) को घोषणा की कि आदित्य-एल1 (Aditya-L1) के ऑनबोर्ड कैमरे ने 4 सितंबर को विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VLEC) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) पेलोड की तस्वीरें लीं। आदित्य-एल1 की मनमोहक सेल्फी में ये दोनों उपकरण दिख रहे। दूसरी छवि में, अंतरिक्ष यान ने हमें नीले ग्रह – पृथ्वी का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला वीडियो दिखाया। इस वीडियो में चंद्रमा भी एक बिंदु जैसा दिखता है। यह वीडियो इसरो ने अपने एक्स सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया।

आदित्य-एल1 (Aditya-L1): एक अग्रणी सौर अध्ययन मिशन

आदित्य-एल1 मिशन भारत के पहले अंतरिक्ष-आधारित सूर्य और इसकी विभिन्न परतों का व्यापक अध्ययन करने के लिए समर्पित मिशन है। इस वैज्ञानिक अभियान में सात अलग-अलग पेलोड हैं, जिनमें से प्रत्येक विद्युत चुम्बकीय, कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टरों जैसे उन्नत उपकरणों से सुसज्जित है।

मिशन की विशिष्ट विशेषताओं में से एक लैग्रेंज-1 पॉइंट (एल1) का उपयोग है। मिशन के चार पेलोड इस स्थान से सीधे सूर्य का निरीक्षण करेंगे, जबकि शेष तीन लैग्रेंज प्वाइंट एल1 पर कणों और क्षेत्रों की व्यापक इन-सीटू जांच करेंगे।

इसरो ने आदित्य-एल1 (Aditya-L1) मिशन 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया था। अंतरिक्ष यान पहले ही दो पृथ्वी-परिक्रमा पूरी कर चुका है और लैग्रेंज बिंदु L1 की ओर स्थानांतरण कक्षा में स्थापित होने से पहले दो और प्रक्रियाएँ करेगा। आदित्य-एल1 (Aditya-L1) 125 दिनों के बाद एल1 बिंदु कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है।

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि भारत की अन्य चल रही परियोजनाओं में एक मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम शामिल है जिसका लक्ष्य संभवत 2025 तक अंतरिक्ष यात्रियों को पहली बार कक्षा में लॉन्च करना है।