भारतीय थल सेना (Indian Army) उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सोमवार (11 सितम्बर) को कहा कि सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पाकिस्तान और चीन के साथ क्रमशः नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर “हमेशा तैयार” है। ले जनरल द्विवेदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जम्मू में तीन दिवसीय नॉर्थ टेक संगोष्ठी 2023 में मीडियाकर्मियों से कहा कि सेना किसी को भी भारत की सीमा में आने नहीं देगी।
यह कहते हुए कि लद्दाख में स्थिति “सामान्य और बहुत अच्छी” है, भारतीय थल सेना (Indian Army) के वरिष्ठ अफसर ने कहा, “उत्तरी कमान के एक सेना कमांडर के रूप में, मैं जो कुछ भी रखवाली कर रहा हूं वह हमारा क्षेत्र है और मैं किसी को भी भारतीय क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं दूंगा।”
इस कार्यक्रम में मौजूद लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन ने “एक इंच भी भारतीय भूमि पर कब्जा नहीं किया है”। उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी ने जो कहा है उस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन मैंने जमीन पर जो देखा है उस पर टिप्पणी कर सकता हूं। तथ्य यह है कि एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं किया गया है।”
#Atmanirbharta (Self-reliance) in the Defence Sector
11-13 Sep 2023
North Tech Symposium inaugurated today at IIT Jammu.
190 Industry partners, 40 Innovation Display and 38 strat ups are participating in the mega event.This mega event will give a boost to defence industries… pic.twitter.com/77PW2QRYwd
— NORTHERN COMMAND – INDIAN ARMY (@NorthernComd_IA) September 11, 2023
ब्रिगेडियर (रि) मिश्रा का दावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लद्दाख दौरे के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ पर विपक्ष से झूठ बोलने का आरोप पर आया। केंद्र सरकार ने भी राहुल गाँधी के वक्तव्य को खारिज किया है।
भारत और चीन के बीच पिछले तीन साल से पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से सीमा पर गतिरोध चल रहा है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एक घातक झड़प के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच सम्बन्धओं ने दरार आ गए है। गलवान घाटी में खूनी झड़प में 20 भारतीय थल सेना (Indian Army) के सैनिक और कई चीनी मारे गए थे।