देश में CAA लागू, जानिए किन्हें मिलेगी भारतीय नागरिकता

लोकसभा चुनाव करीब है, लेकिन इससे पहले केंद्र सरकार ने सीएए यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का नोटिस जारी कर दिया है. यानी यह कानून देश में लागू हो गया है. इस कानून के लागू होने से तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) अब भारतीय नागरिक बन सकेंगे. इसके लिए इन लोगों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा और नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. हालांकि, भारतीय नागरिकता को पाने के लिए जरूरी शर्तों को भी पूरा करना होगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, ”मोदी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए अल्पसंख्यकों को यहां की नागरिकता मिल जाएगी.”

उन्होंने लिखा, “इस अधिसूचना के जरिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है. इन देशों में रहने वाले सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को संविधान निर्माताओं की ओर से किए गए वादे को पूरा किया है.”

इसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह सीएए का विरोध करेंगी. ममता ने कहा कि सीएए और एनआरसी पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्व के लिए संवेदनशील मसला है और वो नहीं चाहतीं कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में अशांति फैले.

नागरिकता संशोधन कानून का सबसे ज्यादा विरोध पूर्वोत्तर राज्यों, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में हो रहा है, क्योंकि ये राज्य बांग्लादेश की सीमा के बेहद करीब हैं.

कानून के मुताबिक 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को ही नागरिकता मिल पाएगी.

नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 से पहले किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था, लेकिन अब पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह समय अवधि 11 साल से घटाकर 6 साल कर दी गई है.