इन दो दिग्गज गेंदबाजों को बॉलिंग कोच बना सकती है BCCI, कई मौकों पर टीम इंडिया को दिलाई है जीत

राहुल द्रविड़ का बतौर हेड कोच टी-20 विश्व कप 2024 के बाद कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद बीसीसीआई ने गौतम गंभीर को टीम इंडिया का नया कोच नियुक्त किया. गौतम गंभीर भारत के 25वें मुख्य कोच बने हैं. अब इसके बाद भारतीय टीम बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग कोच की तलाश में भी है. खबरों के अनुसार बीसीसीआई, बॉलिंग कोच के लिए जहीर खान और लक्ष्मीपति बालाजी को चुन सकती है. जहीर और बालाजी का क्रिकेटिंग करियर भी शानदार रहा है. दोनों ने अपनी शानदार गेंदबाजी के बदौलत टीम को कई बार जीत दिलाई है. एएनआई की एक खबर के मुताबिक बीसीसीआई जहीर और बालाजी को बॉलिंग कोच बना सकती है. इन दोनों से बोर्ड की बातचीत चल रही है.

जहीर का करियर

धारदार गेंदबाजी करने वाले जहीर ने भारत के लिए 92 टेस्ट मैच खेले हैं. इस दौरान 311 विकेट झटके हैं. जहीर का एक टेस्ट पारी में 87 रन देकर 7 विकेट लेना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. जहीर भारत के लिए 200 वनडे मैच खेल चुके हैं. उन्होंने इस दौरान 282 विकेट लिए हैं. जहीर ने 17 टी20 मैच भी खेले हैं.

बालाजी का करियर

बालाजी टीम इंडिया के लिए 30 वनडे मैच खेल चुके हैं. उन्होंने इस दौरान 34 विकेट लिए हैं. बालाजी का एक वनडे में 48 रन देकर 4 विकेट लेना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. इसके अलावा, उन्होंने टीम इंडिया के लिए 8 टेस्ट मैच भी खेले हैं. उन्होंने इस दौरान 27 विकेट लिए. बालाजी 5 टी20 मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 10 विकेट अपने नाम किए. बालाजी भारत के लिए 5 टी20 इंटरनेशनल मैच भी खेल चुके हैं.

बता दें कि गंभीर जुलाई के अंत में शुरू होने वाले श्रीलंका दौरे से टीम इंडिया से जुड़ेंगे और उनका कार्यकाल वनडे विश्‍व कप 2027 तक रहेगा. इस दौरान भारतीय टीम आईसीसी के 5 इवेंट में हिस्‍सा लेगी. गंभीर के सामने अब पहली चुनौती चैंपियंस ट्रॉफी 2025 है. चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्‍तान करेगा. इस दौरान रोहित शर्मा ही भारतीय टीम के कप्‍तान होंगे.

गंभीर इंटरनेशनल क्रिकेट में 20 शतक भी लगा चुके हैं और क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में 10 हजार से भी ज्यादा रन बना चुके हैं. इतना ही नहीं गंभीर ने टी20 विश्व कप 2007 में अर्धशतक जड़ा था. वहीं वनडे विश्व कप 2011 के फाइनल में उन्होंने 97 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी. फाइनल मुकाबले में उनका यह योगदान आज भी याद किया जाता है.