Sanju Samson: भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुयाना में खेले गए दूसरे टी 20 मुकाबले में भारतीय क्रिकेट फैंस खासकर संजू सैमसन के फैंस को उम्मीद थी कि ये बल्लेबाज धमाकेदार पारी खेलेगा और टीम में अपनी जगह सुरक्षित जगह करेगा. लेकिन संजू सैमसन (Sanju Samson) ने जैसे कसम खा ली है कि…हम नहीं सुधरेंगे. संजू सैमसन आए और चलते बने जैसे क्रीज पर सिर्फ अपना चेहरा दिखाने आए हों या फिर अपनी उपस्थिति दर्ज करने आए हों.
एक बार फिर गंवाया मौका
पहले टी 20 में 12 रन बनाकर रन आउट हुए संजू सैमसन (Sanju Samson) को कप्तान हार्दिक पांड्या ने न सिर्फ प्लेइंग XI में जगह दी बल्कि खुद से उपर बल्लेबाजी के लिए भेजा लेकिन हर बार मिले मौके गंवाने के लिए मशहूर संजू सैमसन इस बार भी नहीं सुधरे और सिर्फ 7 रन बनाकर आउट हो गए. उन्हें अकील हुसैन की गेंद पर निकोलस पूरन ने स्टंप कर दिया. सैमसन के बाद तीसरे वनडे की तरह आज भी मौका था विकेट पर रुकने का और बड़ी पारी खेलने का लेकिन संजू पेवेलियन लौटने की जल्दी और वे लौट गए.
आखिर इन्हें मौका क्यों दिया जाए?
ये पहला मौका नहीं है कि संजू सैमसन (Sanju Samson) अपना विकेट फेंक कर चलते बने है. 2015 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले संजू को निश्चित रुप से औरों के मुकाबले कम मौके मिले हैं लेकिन ये भी उतना ही सच है कि मिले मौकों को उन्होंने दोनों हाथों से गंवाया है. टीम इंडिया में मौका न मिलने पर या फिर प्लेइंग XI में जगह न मिलने पर संजू के फैंस बीसीसीआई को ट्रोल करते हैं लेकिन वो खिलाड़ी जिसे अपने विकेट की कीमत नहीं पता, जो खुद टीम में अपनी जगह स्थापित नहीं करना चाहता आखिरी उन्हें क्यों टीम इंडिया में मौका दिया जाए. वे टीम में खेलने लायक ही नहीं हैं. उन्हें कम से कम तिलक वर्मा से सीखना चाहिए जिसने पहले दो मैचों में ही धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की और टीम के टॉप स्कोरर रहे.
19 मैच में 18 की औसत
संजू सैमसन (Sanju Samson) अपने करियर में 19 टी 20 मैच खेल चुके हैं लेकिन सिर्फ 1 अर्धशतक लगाते हुए उनके नाम 320 रन दर्ज हैं. इस दौरान उनका औसत 18.82 रहा है. वे कभी भी टीम की जरुरत के वक्त खड़े नहीं हो सके हैं. आखिर क्यों उन्हें और मौका दिया जाए, क्यों न उन्हें ड्रॉप कर किसी ऐसे बल्लेबाज को मौका दिया जाए जो अपने विकेट की कीमत समझता हो और टीम के लिए खड़े होने का जज्बा दिखा सके. फिलहाल संजू सैमसन के बारे में ये हमारी राय है लेकिन शायद कुछ और मौके उन्हें मिले जिसमें अगर उनका प्रदर्शन नहीं सुधरा तो वे टीम से हमेशा के लिए बाहर हो जाएंगे और तब उनके फैंस भी उनके साथ नहीं होंगे.
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