एडटेक फर्म Unacademy ने एक शिक्षक, करण सांगवान, को बर्खास्त कर दिया है, जिन्होंने छात्रों से शिक्षित उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की थी। Unacademy ने कहा कि कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है।
Unacademy के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि सांगवान ने अनुबंध का उल्लंघन किया था और इसलिए कंपनी को उन्हें हटाना पड़ा। सैनी ने इस मामले पर एक्स (पूर्व में ट्विटर )पर कहा कि Unacademy एक शिक्षा मंच है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
“ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता बनाई है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों की निष्पक्ष ज्ञान तक पहुंच हो। हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे शिक्षार्थी होते हैं। कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। मौजूदा स्थिति में, हमें करण सांगवान को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे,” सैनी ने कहा।
We are an education platform that is deeply committed to imparting quality education. To do this we have in place a strict Code of Conduct for all our educators with the intention of ensuring that our learners have access to unbiased knowledge.
Our learners are at the centre of…
— Roman Saini (@RomanSaini) August 17, 2023
सांगवान द्वारा उल्लिखित विवादास्पद वीडियो में, उन्होंने छात्रों से अगली बार शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की थी। सांगवान ने अपना खुद का यूट्यूब चैनल शुरू किया है और घोषणा की है कि वह 19 अगस्त को विवाद के बारे में विवरण पोस्ट करेंगे। “पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके कारण मैं विवाद में हूं और उस विवाद के कारण मेरे कई छात्र जो न्यायिक सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें बहुत सारे परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। उनके साथ-साथ मुझे भी परिणाम भुगतना होगा,” सांगवान ने कहा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करण सांगवान की निकले जाने पर आश्चर्य जताया और बोलै कि क्या लोगों से शिक्षित व्यक्ति को वोट देने के लिए कहना अपराध है।
केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक संदेश में कहा, “क्या पढ़े-लिखे लोगों से वोट देने की अपील करना अपराध है? अगर कोई अनपढ़ है, तो व्यक्तिगत रूप से मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन जन प्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। अनपढ़ जन प्रतिनिधि कभी भी 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण नहीं कर सकते।”