भारतीय वायुसेना ने चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन (Heron Mark-2 drone), जो लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस हो सकते हैं, को उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है। हेरॉन मार्क-2 ड्रोन एक बार कि उड़ान में चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर निगरानी कर सकता है।
उपग्रह संचार क्षमता वाले हेरॉन मार्क-2 ड्रोन भारतीय वायु सेना को काफी मारक क्षमता प्रदान करते हैं, क्योंकि ये लगभग 36 घंटों तक उड़ सकते हैं और बहुत लंबी दूरी से दुश्मन के लक्ष्यों को लेजर से रोशन भी कर सकते हैं। इसके बाद वायुसेना के लड़ाकू ज़हाज़ लंबी दूरी के हथियारों से उन्हें नष्ट कर सकते हैं।
एक विंग कमांडर रैंक के वायुसेना अधिकारी ने बताया कि हेरॉन ड्रोन (Heron Mark-2 drone) कि कई घंटे उड़ने कि क्षमता के कारण कई मिशन एक साथ किये जा सकते हैं और कई क्षेत्रों कि निगरानी की जा सकती है। यह ड्रोन अपने मिशन को किसी भी मौसम और किसी भी इलाके में पूरा कर सकता है।
Heron Mark-2 Drone
रोटैक्स 916 आईएस इंजन से सुसज्जित, हेरॉन मार्क 2 (Heron Mark-2 drone) 35,000 फीट की ऊंचाई और 150 नॉट (करीब 278 किलोमीटर प्रति घंटे) की अधिकतम गति से उड़ सकता है। ड्रोन विभिन्न प्रकार के हथियारों से लैस हो सकते हैं, क्योंकि मूल उपकरण निर्माता इसे हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों, हवा से जमीन पर मार करने वाले एंटी टैंक हथियारों और बमों से लैस कर सकते हैं।
भारतीय वायु सेना प्रोजेक्ट चीता पर भी काम कर रही है, जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों के लगभग 70 हेरॉन ड्रोन को उपग्रह संचार लिंक के साथ उन्नत किया जाना है और सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हथियारबंद किया जाना है।
भारतीय सशस्त्र बलों को 31 प्रीडेटर ड्रोन भी मिल रहे हैं, जो उच्च ऊंचाई, लंबी सहनशक्ति श्रेणी में हैं और वर्तमान में नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र के बड़े इलाकों को कवर करने में मदद कर रहे हैं।