राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार (19 अगस्त) को दावा किया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपना नेता घोषित करने में असमर्थ है, तो उसने पहले ही हार मान ली है। गहलोत ने यह बात जयपुर में कांग्रेस राज्य चुनाव समिति की बैठक में भाग लेने के बाद बोला।
उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस राज्य में 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद सत्ता में वापस आएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के वोटरों ने कांग्रेस के पक्ष में अपना मन बना लिया है और इसका कारण उनके कार्यकाल के दौरान उठाए गए कल्याणकारी कदम हैं।
प्रतिद्वंद्वी भाजपा के केंद्रीय नेताओं के राजस्थान में सक्रिय होने पर कटाक्ष करते हुए गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्षी दल ने चुनाव से पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया है। “क्या बीजेपी के नेता चुनाव के बाद बिजली, पानी, चिकित्सा और अन्य मामलों पर फैसले दिल्ली में बैठकर करेंगे?”
“बीजेपी कि ऐसी स्थिति है की वह यह भी नहीं बता सकती की राजस्थान में उसका नेता कौन है और चुनाव भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ेगी, तो मुझे लगता है कि उन्होंने चुनाव से पहले ही हार मान ली है,” गहलोत ने कहा।
उन्होंने कहा की कांग्रेस द्वारा सिर्फ जीतने वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जायेगा। “पहला और आखिरी पैमाना जीतने की क्षमता होगी।” राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं और अभी कांग्रेस के पास 108 और विपक्षी बीजेपी के 71 विधायक हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश चुनाव समिति की बैठक को सफल बताया और दावा किया कि राज्य में कांग्रेस सरकार दोबारा बनेगी। डोटासरा ने कहा कि 25 से 27 अगस्त तक कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य राजस्थान के सभी ज़िलों का दौरा करेंगे और स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श करेंगे। गौरव गोगोई की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी 28 से 31 अगस्त तक प्रदेश में रहेगी।