चीन (China) ने अपने देश के “मानक नक़्शे” में भारत का कई हिस्सों को अपने देश में दिखाया है। सोमवार को सार्वजनिक हुए चीन के नए नक़्शे में भारत के लद्दाख का अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश दोनों को उसके क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है। चीन भारतीय इलाकों को अपना बताने के साथ साथ अवैध रूप से कब्ज़ा किये हुए क्षेत्रों में अपनी सैनिक गतिविधियों को लगातार बढ़ा (Military Expansion) रहा है।
नए सैटेलाइट फोटो के अध्ययन से पता चला है की अक्साई चिन, जो चीन के अवैध कब्ज़े में कई दशकों से है, में उसके पीपलस लिबरेशन आर्मी और वायुसेना (China Military Expansion) ने अपने लिए कई नए बंकरों और भूमिगत सुविधाओं का निर्माण किया है। ये सारी कार्यवाही भारत से लगने वाली लाइन ऑफ़ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC) से कुछ ही किलोमीटर दूर है। इन सैन्य अड्डों पर चीन ने हवाई या मिसाइल हमलों से बेहतर सुरक्षा के लिए काफी सुदृढ़ और मज़बूत बंकर बनाये हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स ने मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रदान की गई सॅटॅलाइट तस्वीरों के अध्ययन के बाद लिखा है की चीन ने दिसंबर 2021 और अगस्त 2023 के बीच अक्साई चिन में लगभग 15 वर्ग किमी के क्षेत्र में छह स्थानों पर प्रबलित बंकर और भूमिगत सुविधाएं बनाई हैं। मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सॅटॅलाइट तस्वीरों दिखातीं हैं की सैन्य उपकरण और हथियारों को रखने के लिए भूमिगत सुविधाएं में बेतहाशा वृद्धि (China Military Expansion) हुई है।
यह क्षेत्र वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगभग 70 किमी दूर स्थित है और मई 2020 में भारत और चीन के बीच नए सिरे से गतिरोध शुरू होने के बाद इस क्षेत्र में भारी संख्या में सैनिकों को तैनात किया गया था, लेकिन उस समय सैन्य निर्माण गतिविधि के निशान नहीं के बराबर थे।
हालाँकि, अगस्त 2023 की नवीनतम छवियां काफी निर्माण गतिविधि दिखाती (China Military Expansion) हैं, जिसमें भारी मशीनरी, नई सड़कें और भूमिगत सुविधाओं के लिए कई प्रवेश द्वार शामिल हैं। विश्लेषकों का मानना है कि भूमिगत सुविधाएं संभावित झड़प या लड़ाई के दौरान उपकरणों, गोला-बारूद और कमांड पोस्टों को हवाई या मिसाइल हमलों से बचाने के लिए हैं।
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सोमवार को जारी किए गए नए मानचित्र में अक्साई चिन, जिस पर चीन ने 1962 के युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया था, और अरुणाचल प्रदेश, जिसे बीजिंग दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, को देश की सीमाओं के भीतर दिखाया है। मानचित्र में ताइवान भी शामिल है, जिसके बारे में चीन दावा करता है कि यह उसके क्षेत्र का हिस्सा है, और दक्षिण चीन सागर का एक बड़ा हिस्सा है, जहां चीनी पक्ष कई क्षेत्रीय विवादों में शामिल है।
भारत ने चीन के “मानक नक़्शे” पर अपना कड़ा ऐतराज़ जताया और विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता ने कहा, “हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं।”