बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने निकाय चुनावों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा (BJP) पर भारी बढ़त हासिल कर ली है। 2024 के लोक सभा चुना के मद्देनज़र बंगाल पंचायत चुनावों (Bengal Panchayat Elections) का काफी महत्व है। हालांकि गिनती खत्म होने में अभी काफी समय है, लेकिन राज्य भर के तृणमूल कार्यालयों में हरे गुलाल और मिठाइयों के डिब्बों के साथ जश्न शुरू हो गया है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की 74,000 सीटों के लिए वोटों की गिनती मंगवार सुबह (जुलाई 11) शुरू हो गई। इसमें 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के अलावा 9,730 पंचायत समिति सीटें और 928 जिला परिषद सीटें भी शामिल हैं।
राज्य चुनाव आयोग के अभी तक (जुलाई 11, रात 11 बजे) के आंकड़ों से पता चलता है कि ग्राम पंचायत की 23,198 सीटों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तृणमूल आगे चल रही है, जबकि भाजपा (Bharatiya Janata Party) 5,756 सीटों पर आगे है। सीपीआई (एम) (Communist Party of India-Marxist, CPIM) 2,048 सीटों पर और कांग्रेस (Congress) 1,439 सीटों पर आगे चल रही है। अन्य दल जिनमें नवगठित आईएसएफ (Indian Secular Front, ISF) भी शामिल है, 1,721 सीटों पर आगे चल रहे हैं, जबकि निर्दलीय जिनमें तृणमूल के विद्रोही भी शामिल हैं, ने 718 सीटें जीती हैं और 216 सीटों पर आगे हैं।
सोमवार को हुए मतदान में कई बूथों पर हिंसा हुई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। मतपेटियों से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच कल 696 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ।
जुलाई 11 सुबह मुर्शिदाबाद में एक मतगणना केंद्र के पास देशी बम फटे और हावड़ा में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही है। मतगणना केंद्रों पर सशस्त्र राज्य पुलिस कर्मियों और केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है, और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए स्थल के बाहर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल मतगणना केंद्रों पर विपक्षी एजेंटों को रोककर “वोट लूटने की बेताब कोशिश” कर रही है।
“टीएमसी के गुंडे भाजपा और अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों के मतगणना एजेंटों और उम्मीदवारों को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर चुनाव में चोरी करने की बेताब कोशिश कर रहे हैं। उन्हें कार्यक्रम स्थल की ओर जाने से रोका जा रहा है, और मतगणना एजेंटों को डराने के लिए बम फेंके जा रहे हैं,” भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा।
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ”हार को भांपते हुए वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.” उन्होंने कहा, “लोगों द्वारा खारिज कर दी गई और अपमानजनक हार को महसूस करते हुए, अपनी संगठनात्मक विफलताओं के लिए घटिया बहाने बनाने की यह भाजपा की आखिरी कोशिश है।” तृणमूल ने यह भी दावा किया है कि हिंसा में मारे गए 60 फीसदी लोग उनके समर्थक थे।
पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही हिंसा शुरू हो गई थी। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हिंसा पर एक रिपोर्ट सौंपी है। पहली बार, राजभवन ने भी इस बार चुनावी हिंसा के मुद्दे को संबोधित करने का प्रयास किया और राज्यपाल ने लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए अपने आधिकारिक आवास पर “शांति गृह” खोला।