रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन ( Scorpene submarines) श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ 22 राफेल मरीन (Rafale Marine) जिसमे 4 ट्विन सीटर ट्रेनर संस्करणों सहित 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। ये जानकारी एक रक्षा अधिकारी ने बृहस्पतिवार (जुलाई 13) को दी। ये दोनो हथियार प्रणाली भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए हैं।
राफेल लड़ाकू विमान और स्कॉर्पीन पनडुब्बी के खरीद का सौदों का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस यात्रा के दौरान होगा। प्रधामंत्री फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर आज (जुलाई 13) शाम को पहुचेंगे।
नौसेना ने राफेल एम को अमेरिकी एफ-18 सुपर हॉर्नेट के ऊपर चुना है। राफेल एम को भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (indigenous aircraft carrier INS Vikrant) पर तैनात किया जाएगा।
एक स्क्वाड्रन राफेल एम जिसमे 18 लड़ाकू विमान होंगे आईएनएस विक्रांत पर रहेंगे जबकि बाकी आठ नौसेना के गोवा स्थित आईएनएस हंसा पर तैनात किए जाएंगे। भारतीय वायु सेना के पास 36 राफेल हैं और ये हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर तैनात हैं।
नौसेना के पास अभी अपने दोनो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत पर रूसी मिग-29क (MiG-29K) तैनात हैं।
तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक्स लिमिटेड में किया जाएगा, जहां इस श्रेणी की अन्य पनडुब्बियों का निर्माण किया गया है। इन पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना में कलवरी क्लास से जाना जाता है।
प्रधान मंत्री बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि भी होंगे।परेड में भारतीय सेना की एक टुकड़ी भी भाग लेगी, जिसमें भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के सैनिक शामिल होंगे।
मझगांव डॉक ने पिछले साल दिसंबर में भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट पी-75 की पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वागीर सौंपी थी। वागीर को नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया था और डिलीवरी से पहले एक साल से अधिक समय तक इसका परीक्षण और परीक्षण किया गया है। वागीर से पहले कंपनी ने कलवरी, खंडेरी, करंज और वेला नामक पनडुब्बियों की डिलीवरी की थी।
छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी, वाघशीर, अप्रैल 2022 में लॉन्च की गई थी और मई 2023 में इसने अपनी पहली समुद्री परीक्षण पर गई थी।