दुर्लभ संयोग! सावन का 7वां सोमवार और Naag Panchami एक साथ, जरूर करें व्रत-पूजा

इस बार सावन का पवित्र महीना बड़ा ही खास है। अधिक मास के चलते शिव जी का यह प्रिय महीना इस साल 59 का है। इस वजह से सावन में कुल आठ सोमवार पड़े हैं।

सावन का 7वां सोमवार और नाग पंचमी है एक साथ

सावन का शुक्ल पक्ष 17 अगस्त 2023 से शुरू हो रहा है और आपको बता दें की सावन का 7वां सोमवार २१ अगस्त को है। इस बार का ७वां सोमवार बहुत ही खास माना जा रहा है, क्योंकि इसी दिन नाग पंचमी का त्योहार भी मनाया जाएगा।

हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का बहुत महत्व हैं। हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

नाग देवता भगवान शिव के आभूषण

पौराणिक मान्यता है कि नाग देवता भगवान शिव के आभूषण हैं और सोमवार पूजा के दिन नाग पंचमी का भी होना अत्यंत ही शुभ माना जा रहा है। नाग पंचमी पर शिव के गण नाग देवता की पूजा की जाती है। इस अद्भुत संयोग में शिव और नाग देवता की पूजा करने से व्रती को दोगुना फल मिलेगा।

त्योहार को मनाने के पीछे का तर्क

Naag Panchami के दिन नाग देवता की पूजन-अर्चना की जाती है। इस त्योहार को मनाने के पीछे पर्यावरणीय तर्क यह भी दिया जाता है कि भारत कृषि प्रधान देश है, और चूहे वगैरह से खेती में बहुत नुकसान होता है। नाग चूहों का सफाया करके फसलों की सुरक्षा कर प्रकृति का संतुलन कायम करते हैं।

हिंदू धर्म में नागों की पूजा के इस पावन पर्व का बहुत महत्व है। इस दिन महिलाएं नागों को दूध समर्पित करती हैं। उनकी पूजा करती हैं।

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और उन्हें नाग बहुत ही प्रिय है। इसलिए यदि सावन के महीने में नाग पंचमी का महत्व अधिक बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ​यदि नाग पंचमी के दिन विधि-विधान से नाग देवता का पूजन किया जाए तो भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।

7वां सावन सोमवार 2023 मुहूर्त

सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को सुबह 12.21 मिनट से 22 अगस्त 2023 को प्रात: 02 बजे तक रहेगी।

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त

इस दिन पंचमी तिथि की शुरुआत 21 अगस्त को रात 12 बजकर 21 मिनट पर होगी और पंचमी तिथि का समापन 22 अगस्त को रात 2 बजे होगा. Naag Panchami का पूजा मुहूर्त सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष काल मुहूर्त-

शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 27 मिनट तक

Nag Panchami पूजन विधि (Nag Panchami Pujan Vidhi)

Naag Panchami के देव आठ देव माने गए हैं। नाग पंचमी के दिन व्रत रखें और भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की भी पूजा करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन व्रत रखने से सांपों का डर मन से समाप्त हो जाता है। इसके लिए एक थाली में हल्दी, रोली, चावल, फूल, दीपक और दूध रख लें।

फिर मंदिर जाकर ये सभी चीजें नाग देवता को अर्पित करें। ध्यान रहे नाग देवता को कच्चे दूध में घी चीनी मिलाकर ही अर्पित करना चाहिए। इसके बाद नाग देवता की आरती उतारें और मन में नाग देवता का ध्यान करें। नाग पंचमी के दिन तांबे के लोटे से नाग देवता की मूर्ति को दूध और जल चढ़ाना चाहिए।

संभव हो तो मंदिर में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उसका पूजन-अभिषेक करें।

नाग पंचमी पूजा महत्व

Naag Panchami के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के संकटों का नाश होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि यदि इस दिन किसी व्यक्ति को नागों के दर्शन होते हैं तो उसे बेहद शुभ माना जाता है।

हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व

सनातन धर्म में नाग देवता का पूजन महत्वपूर्ण माना गया है और कहते हैं कि इससे भोलेनाथ प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व माना गया है

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और उन्हें नाग बहुत ही प्रिय है, इसलिए यदि सावन के महीने नाग पंचमी का महत्व अधिक बढ़ जाता है।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ​यदि नाग पंचमी के दिन विधि-विधान से नाग देवता का पूजन किया जाए तो भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।

 

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Newzfirst  इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें