Rohit Sharma: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है. शुरुआती 3 टेस्ट मैचों के बाद भारतीय टीम सीरीज में 2-1 से आगे है. चौथा टेस्ट रांची में खेला जा रहा है. इस सीरीज में टीम इंडिया के लिए यशस्वी जायसवाल, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा बड़े स्टार बनकर उभरे हैं जबकि आर अश्विन, शुभमन गिल और सिराज का प्रदर्शन मिला जुला रहा है. सबसे ज्यादा सवाल रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को लेकर उठ रहे हैं.
रोहित शर्मा पर उठ रहे सवाल
टीम इंडिया बेशक इस सीरीज में 2-1 से आगे है लेकिन इस बढ़त में कप्तान रोहित शर्मा की बड़ी भूमिका नहीं रही है. बतौर कप्तान तो रोहित लाजवाब रहे हैं लेकिन बतौर बल्लेबाज वे नाकाम रहे हैं. राजकोट टेस्ट की पहली पारी में लगाए गए शतक को छोड़ दें सीरीज की बाकी 6 पारियों (रांची टेस्ट की पहली पारी तक) में वे एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके हैं. उनकी लगातार नाकामी टीम पर और खासकर युवा खिलाड़ियों पर अनावश्यक दबाव बढ़ाती है जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है. रोहित की लगातार नाकामी टीम पर उन्हें बोझ साबित कर रही है.
टीम की ढाल नहीं बन पाए
इस सीरीज में विराट कोहली नहीं खेल रहे हैं जबकि केएल राहुल दूसरे और तीसरे टेस्ट के बाद चौथे टेस्ट से भी बाहर हो गए हैं. इन दोनों बल्लेबाजों के टीम में नहीं होने की वजह से रोहित शर्मा की जिम्मेदारी कहीं ज्यादा बढ़ गई थी और उन्हें टीम के लिए ढाल बनकर खड़े होना था और अच्छी शुरुआत देना था ताकि अन्य युवा बल्लेबाज बिना दबाव के पारी को आगे बढा सके. लेकिन कप्तान इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सके.
क्या सिर्फ कप्तानी के लिए हैं ?
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज 2023 के 4 टेस्ट में रोहित शर्मा के बल्ले से एक शतक आया था. इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में भी वे एक शतक लगा सके थे. साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में वे फ्लॉप रहे थे. इंग्लैंड के खिलाफ रांची में खेले जा रहे चौथे टेस्ट की पहली पारी यानि सीरीज की 7 पारियों में वे सिर्फ एक शतक लगा सके हैं. पिछले 10 टेस्ट मैचों की 18 पारियों में रोहित के बल्ले से सिर्फ 2 शतक और 2 अर्धशतक निकले हैं. ये आंकडे बेहद कमजोर हैं. अब सवाल ये है कि कमजोर आंकड़ो के बावजूद रोहित शर्मा क्या सिर्फ कप्तानी के लिए टेस्ट टीम में बने हुए हैं.
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