भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार (16 अगस्त) शाम अपने दिल्ली मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई है जिसमे 2023 के अंत में होने वाले पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम Assembly Elections 2023) के चुनावों पर चर्चा होगी । बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय चुनाव पैनल के अन्य सदस्य शामिल होंगे।
केंद्रीय चुनाव समिति उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने और चुनावी रणनीति बनाने के लिए भाजपा की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है। चुनाव की घोषणा से पहले पैनल की बैठक शायद ही कभी होती है। इसलिए, यह बैठक संकेत देती है कि भाजपा इन चुनावों में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती, खासकर कर्नाटक चुनाव 2023 में कांग्रेस से अपनी हार के बाद।
2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2023) में भाजपा को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं वे हैं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम। इनमें से तीन विपक्ष शासित राज्य हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है जबकि तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता में है और बीजेपी इस बार जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
मिजोरम में सत्ताधारी पार्टी मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने अगस्त 2023 में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव में सहयोगी बीजेपी के खिलाफ वोट किया था। एमएनएफ ने भाजपा के साथ गठबंधन में मतभेदों की ओर इशारा करते हुए मणिपुर की स्थिति से निपटने के भाजपा के तरीके की आलोचना की थी। भाजपा ने 2018 के चुनाव में मध्य प्रदेश भी खो दिया था परंतनु कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत के बाद सरकार बनायीं थी।
ये विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2023) इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये 2024 लोक सभा चुनाव से कुछ महीने पहले आ रहे हैं और मौजूदा भाजपा और संयुक्त विपक्षी दल इंडिया के बीच बड़ी लड़ाई की दिशा तय करेंगे।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक बैठक में उन सीटों पर फोकस किया जाएगा जहां बीजेपी कमजोर है। सूत्रों ने कहा कि योजना इन सीटों पर पहले से ही उम्मीदवारों की पहचान करने की है ताकि उन्हें तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके। सूत्रों ने कहा कि बैठक में इन राज्यों में प्रमुख चुनावी मुद्दों और कांग्रेस के वादों का मुकाबला करने के अलावा अन्य चुनावी मुद्दों पर भी चर्चा होगी।