प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग को वर्चुअली देखा और भारत के लोगों एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। भारत अपने तीसरे चंद्र मिशन (moon mission) के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है।
“भारत का सफल चंद्रमा मिशन सिर्फ भारत की सफलता नहीं है, बल्कि यह सफलता पूरी मानवता की है,” पीएम मोदी ने कहा। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे प्रधान मंत्री ने कहा कि एक महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा होने के बावजूद उनका दिल हमेशा मिशन के साथ था।
‘चंदा मामा दूर के नहीं एक टूर के…’
Moon mission पर सफलता पर बधाई देते हुए और इसरो वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए, पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक क्षण को नए भारत की सुबह बताया। उन्होंने कहा, “इससे पहले कोई भी देश वहां (चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव) नहीं पहुंचा है। हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से हम वहां पहुंचे हैं।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अब से चांद से जुड़ी कहानियां बदलने वाली हैं और आने वाली पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदलने वाली हैं। “भारत में, हम सभी पृथ्वी को माँ और चंद्रमा को मामा कहते हैं। कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं। हमने धरती पर संकल्प किया और चांद पर उसे साकार किया,” उन्होंने कहा।
Chandrayaan-3 Mission:
Updates:The communication link is established between the Ch-3 Lander and MOX-ISTRAC, Bengaluru.
Here are the images from the Lander Horizontal Velocity Camera taken during the descent. #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/ctjpxZmbom
— ISRO (@isro) August 23, 2023
बुधवार, 23 अगस्त, 2023 को शाम 06:04 बजे, इसरो ने अपने विक्रम लैंडर को पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह पर सफलतापूर्वक (moon mission) उतारा। यह लैंडिंग वर्षों की योजना की परिणति है और भारत को उन चार देशों में से एक बनाती है जिन्होंने चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग की है। अन्य हैं संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस (सोवियत संघ जब यह चंद्रमा पर उतरा था) और चीन।
चंद्रयान-3 (moon mission) को 14 जुलाई, 2023 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। यह यात्रा कठिन रही है। शुरुआत में अनुमान लगाया गया था कि रूस का लूना-25 चंद्रयान-3 से पहले चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। लेकिन रूसी अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे रोस्कोसमोस की दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाली पहली अंतरिक्ष एजेंसी बनने की उम्मीदें खत्म हो गईं। फिर कुछ दिन बाद चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक उतरा और इसरो यह उपलब्धि हासिल करने वाली एकमात्र अंतरिक्ष एजेंसी बनी।