भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 मिशन का एक और वीडियो ज़ारी किया जिसमे प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) को विक्रम लैंडर के रैंप से चन्द्रमा पर उतरते हुए दिखाया गया है। इसरो के इस 30 सेकंड के वीडियो में प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) करीब 10 सेकंड बाद लैंडर से निकलता है और और फिर अपने छ पहियों से चन्द्रमा के सतह पर अपनी अमित छाप बनाते हुए आगे बढ़ जाता है
प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) का वजन 27 किलोग्राम है और यह एक छोटे से सूटकेस के जितना बड़ा है। इसकी लम्बाई 0.9 मीटर, चौड़ाई 0.75 मीटर और ऊंचाई 0.85 मीटर है। रोवर और लैंडर दोनों एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) तक काम करने के लिए बनाये गए है और ये सौर ऊर्जा से काम करेंगे। रोवर अपने लिए 50 वाट बिजली का उत्पादन कर सकता है । रोवर प्रति सेकंड 1 सेमी की गति से चन्द्रमा पर 500 मीटर की दूरी तय कर प्रयोग करेगा अऊर साथ-साथ डेटा को लैंडर के द्वारा इसरो के कमांड सेंटर भेजेगा।
… … and here is how the Chandrayaan-3 Rover ramped down from the Lander to the Lunar surface. pic.twitter.com/nEU8s1At0W
— ISRO (@isro) August 25, 2023
प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) और अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) से लैस है। LIBS गुणात्मक और मात्रात्मक तात्विक विश्लेषण और चंद्र-सतह के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने के लिए रासायनिक संरचना प्राप्त करना और खनिज संरचना का अनुमान लगाने का काम करेगा। APXS लैंडिंग स्थल के आसपास चन्द्रमा की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना (Mg, Al, Si, K, Ca,Ti, Fe) को निर्धारित करने के लिए है।
विक्रम लैंडर के चार पेलोड हैं। पहला रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा) जिसका लैंगमुइर जांच (एलपी) निकट सतह प्लाज्मा (आयनों और इलेक्ट्रॉनों) के घनत्व और समय के साथ इसके परिवर्तनों को मापने के लिए है। दूसरा चंद्रा का सतही थर्मो भौतिक प्रयोग (ChaSTE) जो ध्रुवीय क्षेत्र के निकट चंद्र सतह के तापीय गुणों को मापेगा। तीसरा चंद्र भूकंपीय गतिविधि के लिए उपकरण (ILSA) जो लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीयता को मापने और चंद्र परत और मेंटल की संरचना का चित्रण करेगा। चौथा लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे (LRA) जो चंद्रमा प्रणाली की गतिशीलता को समझने के लिए एक निष्क्रिय प्रयोग है।
भारत 23 अगस्त 2023 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर को उतार कर ये कारनामा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।