Chandrayaan-3 की अंतिम चंद्र कक्षीय चाल, विक्रम लैंडर चंद्रमा से हाथ भर कि दूरी पर

Chandrayaan-3 चंद्रमा मिशन: इसरो ने कहा है कि विक्रम लैंडर बुधवार को चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा।

Vikram Lander ने चंद्रयान-3 से अलग होने के बाद चंद्रमा की पहली तस्वीरें भेजीं

Vikram Lander के चन्द्रमा पर उतरने और चंद्रमा की धूल बैठने के बाद, ‘प्रज्ञान’ रोवर विक्रम लैंडर से नीचे उतरेगा। फिर लैंडर और रोवर एक दुसरे कि तस्वीरें लेंगे।

Vikram Lander चंद्रयान-3 से अलग, अगला कदम चंद्रमा पर उतर भारत का झंडा गाड़ना

इसरो को उम्मीद है कि विक्रम (Vikram Lander) को उसी स्थान पर उतारा जाएगा जहां चंद्रयान-2 के लैंडर – जिसका भी यही नाम है – ने प्रयास किया था।

Chandrayaan-3 का लैंडर विक्रम आज अंतरिक्ष यान से अलग होगा, चंद्रमा भारत के कदमों के पास

भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन Chandrayaan-3 ने कल चंद्रमा की कक्षा में अपना पांचवां और अंतिम चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।

Chandrayaan-3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद पहला वीडियो भेजा

Indian moon mission का अंतरिक्ष यान शनिवार को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ही 145 करोड़ भारतीयों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है।

Chandrayaan-3 इसरो द्वारा चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित

अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले कहा था कि अंतरिक्ष यान की स्थिति सामान्य है और 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।

चंद्रयान-3 का ‘स्वस्थ्य सही’, इसरो ने पहला ऑर्बिट रेजिंग किया

अगर इसरो अपने Rs 600 करोड़ के चंद्रयान-3 के रोबोटिक लूनर रोवर को सफलतापूर्वक चन्द्रमा पर उतार लिया तो भारत विश्व का चौथा देश होगा जिसने ये कारनामा कर दिखाया होगा|

Chandrayaan 3 Launch: चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण, इसरो ने कहा बधाई हो इंडिया

भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने के लिए अमेरिका, रूस और चीन के साथ शामिल होने के लिए तैयार है।  भारत शुक्रवार को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के साथ चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है, जो आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरने वाला है।

चंद्रयान-3 की सफलता भारत को चुनिंदा देशों की श्रेणी में खड़ा कर देगी

चंद्रयान-3 मिशन के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं: चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना; चंद्रमा पर रोवर की घूमने की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए; और वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।