ईशान किशन और शुभमन गिल से सीखें संजू सैमसन, नहीं तो बंद हो जाएंगे टीम इंडिया के दरवाजे

Sanju Samson: ईशान किशन और शुभमन गिल से सीखें संजू सैमसन, नहीं तो बंद हो जाएंगे टीम इंडिया के दरवाजे

Sanju Samson: भारत और वेस्टइंडीज के बीच 3 वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में क्रिकेट फैंस एक बार फिर हैरान हुए. इसकी वजह थी रोहित शर्मा और विराट कोहली दूसरे वनडे की तरह तीसरे वनडे की प्लेइंग में भी नहीं थे. हार्दिक पांड्या कप्तान थे. रोहित और विराट टीम में क्यों नहीं है इस पर चर्चा फिर कभी. इस आर्टिकल में हम बात करेंगे संजू सैमसन (Sanju Samson) की जो शायद अच्छी बैटिंग करने के बावजूद एक बड़ा मौका अपने हाथ से गंवा बैठे.

सैमसन ने जड़ा तूफानी अर्धशतक

रोहित शर्मा और विराट कोहली को दूसरे और तीसरे वनडे में ड्रॉप कर संजू सैमसन (Sanju Samson) को टीम इंडिया में प्लेइंग XI  में शामिल किया गया. दूसरे वनडे में तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए संजू सैमसन फ्लॉप रहे और सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हो गए. तीसरे वनडे में उन्हें चौथे स्थान पर भेजा गया. उन्होंने 41 गेंदों पर 51 रनों की पारी खेली जिसमें 4 छक्के और 2 चौके शामिल थे. ये पारी अच्छी थी लेकिन ये वो पारी नहीं थी जिसकी जरुरत संजू सैमसन को है.

गंवाया बड़ा मौका

संजू सैमसन (Sanju Samson) के फैंस हमेशा कहते हैं कि उन्हें मौका नहीं मिलता लेकिन सच्चाई ये भी है कि जब भी मौका मिलता है सैमसन उसे भुनाने में नाकाम रहते हैं और यही वजह है कि आजतक वे टीम इंडिया के लिए किसी भी फॉर्मेट में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं. सैमसन इस मैच में 51 पर खेल रहे थे. वे जब आउट हुए तो 19.1 ओवर का खेल बचा हुआ था.

उनके पास मौका था आखिर तक खेलने का और एक बड़ा शतक लगाते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाने का लेकिन पता नहीं वे किस जल्दीबाजी में थे अपना विकेट फेंक चलते बने. विकेट के साथ उन्होंने एक बार फिर से टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने का मौका गंवा दिया है. अगर वे एक बड़ी शतक पारी खेलते तो उनका स्थान एशिया कप और विश्व कप के लिए तय हो जाता.

शुभमन और ईशान से सिखें सैमसन

संजू सैमसन (Sanju Samson) को अपने से जूनियर ईशान किशन (Ishan Kishan) और शुभमन गिल (Shubman Gill) से सीखना चाहिए. दोहरा शतक लगाने के बावजूद ईशान की जगह वनडे फॉर्मेट में पक्की नहीं है लेकिन मौका मिला तो इस खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीनों ही वनडे मैच में अर्धशतक जड़ा, अपनी क्षमता और उपयोगिता साबित की और निश्चित रुप से अब वे विकेटकीपर बल्लेबाज के रुप में सैमसन से आगे चले गए हैं.

वहीं शुभमन गिल को भी देख सकते हैं. इस खिलाड़ी ने के एल राहुल की वजह से लंबा इंतजार किया लेकिन जब मौका मिला तो फिर शतकों और रनों की झड़ी लगाते हुए तीनों फॉर्मेट में अपनी जगह बना ली. ये ठीक है कि औरों के मुकाबले सैमसन को कम मौके मिले हैं लेकिन ज्यादातर मौकों पर  वे नाकाम हुए है ये भी सही है. टीम इंडिया में जगह पक्की करने के लिए मिले मौकों को उन्हें दोनों हाथों से गिल और किशन की तरह लपकना होगा और धैर्य के साथ बड़ी पारियां खेलनी होंगी नहीं तो फिर उनके लिए मौके धीरे धीरे बंद हो जाएंगे और बेशुमार प्रतिभा के बावजूद वे एक अधूरे क्रिकेटर के रुप में ही जाने जाएंगे.

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