भारत (India) और चीन (China) ने शुक्रवार (18 अगस्त) को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी, Line of Actual Control, LAC) के पास दौलत बेग ओल्डी और चुशूल में मौजूदा संघर्ष कि संभावना वाले मुद्दों को हल करने पर काम करने के लिए मेजर जनरल स्तर की बैठक की। इस बातचीत से कुछ दिन पहले ही दोनों देशों ने सैन्य कोर कमांडर स्तर के 19वें दौर की वार्ता कि थी।
डीबीओ डेपसांग मैदानों के करीब है जहां चीनी (China) पीएलए सैनिकों ने 2020 से क्षेत्र में गश्त बिंदुओं तक पहुंच से इनकार करना जारी रखा है। हालाँकि यह मुद्दा दोनों देशों के बीच 2020 में फिर से शुरू हुए सैन्य गतिरोध से पहले का है।
चुशुल पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट के करीब है, जहां 2020 में एक ऑपरेशन में भारतीय सैनिकों ने कई ऊँची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इस कदम ने चीनी पीएलए को पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर बातचीत की मेज पर लाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
भारतीय पक्ष (India) का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया – जो त्रिशूल डिवीजन और राष्ट्रीय राइफल्स फाॅर्स, जो 2021 में जम्मू-कश्मीर से लद्दाख भेजा गया था, के जनरल ऑफिसर कमांडिंग हैं।
भारत और चीन (India and China) के बीच बातचीत का उद्देश्य एलएसी (LAC) पर डेपसांग मैदान और डेमचोक जैसे मौजूदा मुद्दों के समाधान के लिए एक रोडमैप तैयार करना था एवं गश्त और जुड़ाव के लिए जमीनी नियम तय करना था।
“भविष्य में किसी भी तनाव से बचने के लिए जिम्मेदारी के अपने-अपने क्षेत्रों में मुद्दों को हल करने के विभिन्न विश्वास निर्माण उपाय और तरीके भी चर्चा का हिस्सा थे,” एक रक्षा सूत्र ने कहा। सूत्रों ने कहा कि इन वार्ताओं का पालन जमीन पर संबंधित ब्रिगेड कमांडरों और कमांडिंग अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
19वें दौर की सैन्य वार्ता, जो 13 और 14 अगस्त को हुई थी, में बटालियन स्तरों पर नियमित बातचीत जारी रखने और एलएसी (LAC) पर गश्त की सीमा पर बारीक विवरण तैयार करने का निर्णय लिया गया था। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि एलएसी (LAC) के साथ पुराने गश्त बिंदुओं तक पूर्ण पहुंच प्रदान करने पर निर्णय आने तक बफर जोन में विभिन्न विश्वास निर्माण उपाय जारी रखे जाएंगे।
पिछली वार्ता में एलएसी पर मौजूदा मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई थी लेकिन दोनों पक्ष उन्हें शीघ्रता से हल करने पर सहमत हुए थे। एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और वार्ता की गति को बनाए रखते हुए शेष मुद्दों को शीघ्र तरीके से हल करने पर सहमत हुए थे।
यह बैठक दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित की गई जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग मौजूद रहेंगे। चीन के राष्ट्रपति शी अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले हैं।