2 अक्टूबर भारत के इतिहास की ऐसी तारीख जिस दिन दो महान नेता इस दुनिया में आए.. एक हैं हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी यानी मोहन दास करमचंद गांधी जिन्हें प्यार से हम बापू कहते हैं और दूसरे सहज सौम्य और शीतल स्वभाव लेकिन अद्वितीय साहस के प्रतीक देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri ) . गाँधी जी के साथ ही आज के दिन इनकी भी जयंती मनाई जाती है. उन्होंने देश को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया.
स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभानेवाले और पंडित नेहरू के बाद देश की बागडोर संभालने वाले लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मुग़लसराय में हुआ था. बता दें ‘जय जवान जय किसान’ का नारा बुलंद करनेवाले शास्त्री जी के नेतृत्व में 1965 के भारत- पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान बुरी तरह परास्त हुआ.
महज डेढ़ साल की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ और ननिहाल में रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. 16 साल की उम्र में उन्होंने देश की आजादी की जंग में शामिल होने के लिए अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी और जब वे 17 साल के थे, तब स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
लालबहादुर शास्त्री आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे. 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘जय जवान’ ‘जय किसान’ का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जीवन की कई किताबों में छाप हैं. जब-जब इन किताबों के शब्दों को पढ़ा जाता है तो शास्त्री अल्फाज बन लोगों के बीच उभरते हैं. लालबहादुर शास्त्री ने अपने विनम्र स्वाभाव और मृदुभाषी व्यवहार से भारत की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी थी.
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का आदर्शपूर्ण उदाहरण है. जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद जब देश को एक नए प्रधानमंत्री की जरूरत थी, तो लाल बहादुर शास्त्री का नाम सामने आया. उन्होंने 09 जून 1964 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. वे केवल डेढ़ साल के लिए ही प्रधानमंत्री पद पर रह सके और इसके बाद 11 जनवरी 1966 को रहस्यमी तरीके से उनकी मौत हो गई.
साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग खत्म हुई थी जिसके बाद दोनों देशों के बीच ताशकंद में समझौता हुआ था. यह समझौता 10 जनवरी 1966 को हुआ था जिसके 12 घंटे बाद ही 11 जनवरी को तड़के शास्त्री की मौत हो गई थी. आधिकारिक तौर पर बताया गया कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी.
लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri ) जी ‘जय जवान जय किसान’ नारे के उद्घोषक थे. जब वे प्रधानमंत्री बने तब देश में अनाज का संकट था और मानसून भी कमजोर था. ऐसे में देश में अकाल की नौबत आ गई थी. अगस्त 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में लाल बहादुर शास्त्री जी ने पहली बार जय जवान जय किसान का नारा दिया. इस नारे को भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहा जाता है, जोकि किसान और जवान के श्रम को दर्शाता है.
बता दें कि लालबहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri ) का बिहार के पटना शहर से बहुत ही लगाव था. दरअसल, उनकी बहन सुंदरी देवी, बिहार के कदमकुआं के खासमहल में रहती थीं. स्वतंत्र भारत की आजादी के अंदोलन में भाग लेने वाले शास्त्री जब कभी पटना आते थे तो अपनी बहन के घर कदमकुआं जरूर आते थे. उनकी बहन भी कांग्रेस की कद्दावर नेता थीं. जब देश आजाद हुआ था, तो स्वतंत्र भारत में विधायक भी रहीं. उनकी बहन की शादी लोकनायक जयप्रकाश नारायण के भतीजे शंभूशरण से हुई थी.
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