इस साल दिनांक 29 सितंबर दिन शुक्रवार से पितृपक्ष (Pitru Paksh) की शुरुआत हुई है और इसकी समाप्ति 14 अक्टूबर के दिन होगा. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद की पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू होता है और अश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर खत्म होता है. ऐसे में पितृ पक्ष की कुछ शुभ तिथियों पर श्राद्ध करना बेहद अच्छा माना जाता है और कहा जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न होकर घर पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं.
पितृपक्ष (Pitru Paksh) के कुल इन 16 दिनों में मरे पितरों की तिथि के अनुसार पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. इस दिन जल देना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं जल देने के साथ फूल भी अर्पित किए जाते हैं. ऐसे में शास्त्रों में पितरों के लिए तर्पण करने के लिए विशेष प्रकार के फूलों को बेहद शुभ माना गया है. इस पूजा में पितरों को कमल, जुही, चंपा, मालती के साथ अन्य सफेद फूलों का प्रयोग किया जाता है. तुलसी और भृंगराज का प्रयोग भी श्राद्ध में किया जाता है.
गुलाब के फूल
श्राद्ध पूजन (Pitru Paksh) में केवड़ा, कदंब, बेलपत्र, काले और लाल लंग के फूल और अधिक सुगंधित फूलों को अर्पित करना वर्जित होता है. शास्त्रों के अनुसार इसे चढ़ाने से पितृ नाराज हो सकते हैं. इसलिए इस फूलों को अर्पित करने से बचें. कहा जाता है की श्राद्ध के दौरान गुलाब का फूल चढ़ाना शुभ माना गया है.
गेंदे के फूल
वहीं श्राद्ध में गेंदे के फूल को चढ़ाने का भी विधान है इससे पितर प्रसन्न होते हैं. इसे अर्पित करने से सभी देवी-देवताओं के साथ पितृ भी बेहद प्रसन्न होते हैं. इस फूल को अर्पित करने से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं.
सफेद फूल
पितरों की पूजा (Pitru Paksh) में सफेद फूलों को जरूर शामिल करें। इसके लिए आप चमेली के फूलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कमल के फूल
पितरों की पूजा में कमल के फूलों को बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर पितृ पक्ष में कमल के फूलों से पितरों की पूजा करते हैं तो जीवन में आने वाली कई समस्याएं दूर होती हैं।
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. NewzFirst इसकी पुष्टि नहीं करता है.