आखिर कब तक होगा भेदभाव; रोहित शर्मा ने संजू सैमसन को टीम से बाहर रखने के लिए चली ये चाल!

Sanju Samson: भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को पहले वनडे में 5 विकेट से हरा दिया. इस मैच में टीम इंडिया की गेंदबाजी कमाल की रही लेकिन बल्लेबाजों ने निराश किया. 115 रन के मामूली लक्ष्य को पाने में भारतीय टीम ने 5 विकेट गंवा दिए.

खैर, इसमें सबसे ज्यादा हाथ कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति का रहा. बल्लेबाजी क्रम से छेड़छाड़ करने, विराट कोहली को बैटिंग के लिए न भेजने के साथ ही संजू सैमसन (Sanju Samson) को प्लेइंग XI से बाहर रखने पर रोहित शर्मा की जमकर आलोचना हो रही है.

आईए जानने की कोशिश करते हैं किन दो तरीकों से रोहित शर्मा ने संजू सैमसन को टीम इंडिया से बाहर रखने की कोशिश की है.

ईशान किशन

ईशान किशन संजू सैमसन (Sanju Samson) की तरह ही विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. IPL में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं इसलिए रोहित शर्मा के करीबी हैं. लेकिन दोहरा शतक लगाने के बावजूद वे वनडे फॉर्मेट में अपनी जगह नहीं बना सके हैं.

उनकी जगह टीम में बने इसलिए रोहित शर्मा ने उन्हें पहले प्लेइंग XI में जगह देकर सैमसन का पत्ता काटा और फिर कम स्कोर वाले मैच में ईशान किशन को अपनी जगह ओपनिंग भेज दिया ताकि वे रन बनाकर अपनी जगह सुरक्षित कर सकें. ईशान किशन इसमें सफल भी रहे और 46 गेंदों में 52 रन बनाकर आउट हुए. अब इस पारी के आधार पर रोहित शर्मा सैमसन को अगले मैच भी बाहर रखेंगे जबकि अगर वे संजू को मौका देते तो ये खिलाड़ी भी रन बनाता.

सूर्यकुमार यादव

सूर्यकुमार यादव का सितारा भी टीम इंडिया में तभी चमका जब रोहित शर्मा को कप्तानी मिली. मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलने वाले इस धुरंधर बल्लेबाज ने टी 20 में तो असाधारण बल्लेबाजी से अपनी जगह पक्की कर ली है लेकिन वनडे फॉर्मेट में वे संघर्ष कर रहे हैं लेकिन चिंता किस बात की जब कप्तान रोहित शर्मा हों.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन पारी में शून्य पर आउट होने वाले सूर्या को रोहित ने मौका दिया. सूर्या फिर फ्लॉप रहे और 25 गेंदों में 19 रन बनाकर आउट हुए. अगर उनकी जगह मौका पिछले कुछ वनडे मैचों में शानदार बल्लेबाजी करने वाले संजू सैमसन (Sanju Samson) को मिला होता तो शायद एक प्रतिभा के साथ न्याय हो पाता लेकिन रोहित की नियत के आगे सैमसन की किस्मत फिलहाल कमजोर पड़ रही है.

8 साल 28 मैच

28 साल के संजू सैमसन (Sanju Samson) की जब भी चर्चा चलती है तो जितनी चर्चा उनकी प्रतिभा और क्षमता की होती है उतनी ही चर्चा उनकी बदकिस्मती की होती है. 2015 में अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज करने वाला ये खिलाड़ी भेदभाव और कप्तानों के पूर्वाग्रह और नजरअंदाज करने के व्यवहार की वजह से पिछले 8 साल में सिर्फ 28 मैच खेल पाया है जिसमें 11 वनडे और 17 टी 20 है.

भेदभाव की वजह से इस बेहतरीन बल्लेबाज का आधा करियर तो बर्बाद हो चुका है आधे का क्या होगा ये भी पता चल जाएगा.